बहुत कुछ...............
सुना है
हवा को दमें की बीमारी लग गयी है
चारपायी पर पड़ी
कराह रही है
औद्योगिक अस्पताल में
कुछ दिन पहले
कई तारे एड्स से मारे गये
अपना सूर्य भी
उसकी परिधि से बाहर नहीं है
अपने चांद को कैंसर हो गया है
उसकी मौत के
गिने चुने दिन ही बचे है
आकाश को
कभी-कभी पागलपन का
दौरा पड़ने लगा है
पहाड़ों को लकवा मार गया है
खड़े होने के प्रयास में
वह ढह-ढिमला रहे हैं
यदा- कदा
नदि़यां रक्तताल्पता की
गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं
इन नदियों के बच्चे
सूखाग्रस्त इलाकों में
दम तोड़ रहे हैं
पेड़ की टांगो पर
आदमी की नाचती कुल्हाड़ियां
बयान कर रही हैं
बहुत कुछ।
संपर्क - आरसी चौहान (प्रवक्ता-भूगोल)
राजकीय इण्टर कालेज गौमुख, टिहरी गढ़वाल उत्तराखण्ड 249121
मोबा0-08858229760 ईमेल- chauhanarsi123@gmail.com