ये मत कहना
वे आते हैं आंधी की
तरह
धूल उड़ाते हुए
जैसे धरती उनके लिए
फुटबाल हो कोई
झुग्गी झोपड़ियों को
चबाती हुई उनकी मशीनें
मानों खुबसूरती का
मापक गढ़ रही हों
उन्हें नहीं मालूम
है
झुग्गी झोपड़ियों में
लगी
सरपत,सरकंडे व शहतीरें
तन जायेंगी तीर व तलवार
की तरह
खुरपी , हंसियां पिघल कर
पाइपगनों में बदल जाएगी
तब ये मत कहना कि
धरती खुबसूरत नहीं
है।
संपर्क - आरसी चौहान (जिला समन्वयक - सामु0 सहभागिता )
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आजमगढ़, उत्तर प्रदेश 276001
मोबाइल -7054183354
ईमेल- puravaipatrika@gmail.com
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