मंगलवार, 18 अगस्त 2015

कबीर और मैं : आरसी चौहान



   

    अनवर सुहैल के संपादन में संकेत का 15 वां अंक मेरी कविताओं पर केंद्रित है जिसमें एक कविता कबीर और मैं

कबीर और मैं

लोग कहते हैं प्रेम
एक कच्चा धागा है
मैं धागों का रोज
कपड़ा बुनता हूं ।

संपर्क   - आरसी चौहान (प्रवक्ता-भूगोल)
राजकीय इण्टर कालेज गौमुख, टिहरी गढ़वाल उत्तराखण्ड 249121
मोबा0-08858229760 ईमेल- chauhanarsi123@gmail.com