बुधवार, 15 अगस्त 2018

पृथ्वी के जन्म पर : आरसी चौहान









पृथ्वी के जन्म पर

पृथ्वी के जन्म पर
जब गाया गया होगा पहले पहल मंगलगीत
फूल की तरह झरे होंगे झरने
पहाड़ों से करते हुए अठखेलियां
पृथ्वी हंसी होगी खिलखिलाकर
और बही होंगी जीवनदायिनी नदियां

उसके शु़द्धिकरण में
सम्भवतः बादलों के पूर्वजों ने
नहलाये होंगे पवित्र जल से
पृथ्वी ने बदली होगी अपने
शैलों के पुराने कपड़े
लहराई होगी हवा में लताओं से
अपने खुले बाल
ओढ़ी होगी चहकते आकाश में
चिड़ियों की ओढ़नी

और अब ये कि आज
उसके धड़कते जंगलों सा फेफड़े
और लहलहाती फसलों के बीच
जीवन का हिरन
कुलांचे भर रहा है।


 संपर्क  - आरसी चौहान (जिला समन्वयक - सामु0 सहभागिता )
        जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आजमगढ़, उत्तर प्रदेश 276001
        मोबाइल -7054183354
        ईमेल- puravaipatrika@gmail.com