शनिवार, 22 सितंबर 2018

बुनकर : आरसी चौहान




बुनकर

साड़ियां किसे अच्छी नहीं लगती
भोरहरी किरणों सा लाल लाल चटख
रंगों सी चमकती
मुस्कराती फसलों सी लहलहाती
हरी हरी साड़ियां
आसमान को जीभ बिराती
नीली नीली साड़ियां

मानों बुनकरों ने चमकती आंखों का
मोती जड़ दिया हो
सुर्ख लाल रंग में
निचोड़ दिया है अपना लहू
अपने बच्चों की खिलखिलाहट
सजा दिया है फूलों में
पत्नी के खुशियों की हरियाली
भर दिया है पत्तियों में

जब देखता है किसी मेम को हिरनी सा
उछलती इन साड़ियों में
मन नाच उठता है मोर सा

लेकिन
तमाम तमाम बुनकरों की
घायल हिरनियों सी उंगलियां
धागों के जंगलों में उलझी
खोज रही हैं जीने की नई राह।





संपर्क  - आरसी चौहान (जिला समन्वयक - सामु0 सहभागिता )
        जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आजमगढ़, उत्तर प्रदेश
                276001
        मोबाइल -7054183354
        ईमेल- puravaipatrika@gmail.com