कोई बच्चा स्कूल जा
रहा है
सरपट दौड़ती सड़क के
किनारे
उंघते फुटपाथ पर
सो रहा एक बच्चा
और उसकी मां
बुन रही अपनी सांसों
का गर्म स्वेटर
ताकि बड़े होते बच्चे
को
जाड़े में पहनाकर भेज
सके स्कूल
बच्चा पहचानने लगा
है
रंगों का तिलिस्म
बतियाने लगा है अपने
सुख दुख की बातें
वह जानने लगा है
पेड़ पर फुदकती चिड़ियों
के बारे में
उनके सुन्दर सुन्दर
घोसलों के बारे में
बच्चा पूछता है मां
से
अपने घोसले के बारे
में
अट्टालिकाओं को निहारते
हुए
मां दिखाती है
बड़ा सा नीला आसमान
बच्चा कहता है हाथ
फैलाकर
इत्ता बड़ा घर
? ? ?
मां उसके आंखों में
काजल आंज रही है
माथे पर टीका पार रही
है
उसकी पीढी में
पहली बार कोई बच्चा
स्कूल जा रहा है।
संपर्क - आरसी चौहान (प्रवक्ता-भूगोल)
राजकीय इण्टर कालेज गौमुख, टिहरी गढ़वाल उत्तराखण्ड 249121
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