बहुत दिनों से
बहुत दिनों से लिखना
चाहता हूं
एक कविता
स्कूल जाते बच्चों
पर
जो दुनिया को फूल की
तरह
खिलाना चाहते हैं
और इकट्ठा हों रहे
हैं
तमाम तमाम स्कूलों
में
हर सुबह
हरसिंगार के फूलों
की तरह
स्कूलों के फेफड़ों
में
भर रहें हैं ताजी हवा
से महकते
और स्कूल हो रहे स्पंदित
एक और कविता लिखना
चाहता हूं
किसानों के लिए
जिनके हल के फाल तोड़
रहे सन्नाटा
कठोर चट्टानों के
फड़फड़ाते पन्नों पर
दर्ज कर रहे बीजों
के एक एक अक्षर
ओर पृथ्वी को रंग देना
चाहते हैं
हरियाई फसलों से
एक कविता और लिखना
चाहता हूं
सरहद पर जूझते जवानों
के लिए
जिनका होना
हमारे देश का सुरक्षित
होना है
पर जो बच्चे
अभी स्कूलों से लौटे
नहीं हैं
जिन किसानों का कलेवा
उनके हलक के नीचे उतरा
नहीं है
घर वापसी के लाख वादों
के बावजूद
जो जवान अब कभी लौट
नहीं सकते
उन पर कविताएं न लिख
पाने के लिए
क्षमा चाहता हूं देशवासियों।
संपर्क - आरसी चौहान (जिला समन्वयक - सामु0 सहभागिता )
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आजमगढ़, उत्तर प्रदेश 276001
मोबाइल -7054183354
ईमेल- puravaipatrika@gmail.com