लोगों की नजर में
तुमने मुझे पेड़
कहा-
पेड़ बना
टहनी कहा
टहनी बना
पत्तियां कहा
पत्तियां बना
फूल कहा-
फूल बना
तुमने कहा
कांटा बनने
के लिए
कांटा भी बना
जबसे लोगों
की नजर में
बना हूँ कांटा
नहीं बन
पा रहा हूँ
अब
लोगों
की नजर में
फूल,पत्ती,टहनी और
पेड़ ।
संपर्क-
आरसी चौहान (प्रवक्ता-भूगोल)
राजकीय इण्टर कालेज गौमुख, टिहरी गढ़वाल उत्तराखण्ड 249121 मोबा0-08858229760 ईमेल- chauhanarsi123@gmail.com
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएं-नित्यानंद गायेन
पेड़-पौधों पर आधारित यह कविता बेहद ही सुन्दर और प्रेरणास्पद है। आज के दौर में पर्यावरण जिस तरह दूषित हो रहा है। इस दौर में पेड़-पौधों को बचाए रखना चुनौती है। बढ़ते प्रदूषण और वै·ाीकरणके इस दौर में प्राकृतिक विपदा इस धरती के लिए हमेशा खतरा बना रहता है। उसके लिए हम खुद ही जिम्मेदार हैं। पेड़-पौधों को बचाए रखना हमारी नैतिक जिम्मेवारी है। जिसको अनदेखा नहीं किया जा सकता है। आरसी भाई ने जिस तरह पेड़-पौधों पर अपने विचारों के माध्यम से यह कविता लिखी है। प्रेरणीय एवं आँखे खोल देने वाली है। धन्यवाद आरसी भाई।
जवाब देंहटाएं- अंजनी गुप्ता, कोलकाता