सोमवार, 23 नवंबर 2015

आज सोचता हूं : आरसी चौहान




आज सोचता हूं


अमरूद किसे अच्छा नहीं लगता खाना

मां बताती थी

अमरूद के एक बीज में

होता है नौ घड़ा पानी

खाओ तो सम्भलकर

नहीं तो खांसी में खाया तो

मुआ डालेगा खंसा खंसा

तब हंसता था मैं बेसुरा

आज सोचता हूं

कि मां बड़ी या विज्ञान ?

 संपर्क   - 
आरसी चौहान (प्रवक्ता-भूगोल)
 राजकीय इण्टर कालेज गौमुख,
 टिहरी गढ़वाल उत्तराखण्ड 249121 
 मोबा0-08858229760
 ईमेल- chauhanarsi123@gmail.com

2 टिप्‍पणियां:

  1. माँ से बड़ी कोई पाठशाला नहीं ..
    बहुत सुन्दर ..
    समय के साथ बहुत कुछ समझ आती है दुनियादारी

    जवाब देंहटाएं
  2. एहसासों के पुस्तकालय में बैठकर
    करीने से खोलती हूँ ब्लॉग
    कई परिचित-अपरिचित नाम
    स्वतः बुदबुदाती हूँ - प्रतिभाओं की सच में कमी नहीं ...

    http://bulletinofblog.blogspot.in/2015/12/2015_9.html

    जवाब देंहटाएं