मंगलवार, 27 फ़रवरी 2018

ईश्वर की अनुपस्थिति में : आरसी चौहान




ईश्वर की अनुपस्थिति में

ऐसी हो धरती
जहां भोरहरी किरणों सा मुलायम
और मां की ममता की तरह
पवित्र हों आदमी

उनके अकुलाए हाथ
बनाने में हों माहिर
खुशियों का मानचित्र

हवाओं को लपेट कर
रख सकें सिरहाने
ऐसा हुनर हो उनमें

जीवन के घाटों पर
बांट सके एक दूसरे का सुख दुख
और जुड़ा सकें एक ही छाया तले
ऐसी हो धरती
ईश्वर की अनुपस्थिति में ।



संपर्क  - आरसी चौहान (जिला समन्वयक - सामु0 सहभागिता )

        जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आजमगढ़, उत्तर प्रदेश

                276001

        मोबाइल -7054183354

        ईमेल- puravaipatrika@gmail.com


बुधवार, 31 जनवरी 2018

लोह के जूते : आरसी चौहान



 

















उसने नहीं पहने कभी लोह के जूते
चमड़े , प्लास्टिक और कपड़े के भी नहीं

हां बचपन में जरूर पहना था
धूल के मोजे
और कीचड़ के जूते

और अब जब
पिता ने लाद दिया उसके कंधे पर
पूरे पृथ्वी की चट्टानें

आज इन चट्टानों के पन्नों पर
वह फसलों के अक्षरों से
जीवन की नई इबारत लिख रहा है

अब वह हौसलों के पंखों से
उड़ान भरते हुए
छू रहा है सफलता की ऊंचाइयां
आसमान को मुंह बिराते हुए

आज उसके पांव़ में सना कीचड
सोने के जूते सा चमक रहा है।



रचना काल - 31 जनवरी 2018

शुक्रवार, 22 दिसंबर 2017

स्कूल गया बच्चा : आरसी चौहान



बच्चा फूल है
ओस का
बच्चा फूल है बादल का
बच्चा आधार है भविष्य का
बच्चा धूप की नरम किरण है
बच्चा पेण्डूलम है घड़ी का
घंटियों की टून टून है बच्चा
स्कूल गया बच्चा
अभी लौटा नहीं है रात तक
घड़ी चल रही है
बिना पेण्डूलम की
लेकिन घंटी
बिना पेण्डूलम की कैसे बजेगी
आज मां
बिना पेण्डूलम की घंटी सी हो गई है।

गुरुवार, 30 नवंबर 2017

बहुत दिनों से : आरसी चौहान






बहुत दिनों से

बहुत दिनों से लिखना चाहता हूं
एक कविता
स्कूल जाते बच्चों पर
जो दुनिया को फूल की तरह
खिलाना चाहते हैं
और इकट्ठा हों रहे हैं
तमाम तमाम स्कूलों में
हर सुबह
हरसिंगार के फूलों की तरह
स्कूलों के फेफड़ों में
भर रहें हैं ताजी हवा से महकते
और स्कूल हो रहे स्पंदित

एक और कविता लिखना चाहता हूं
किसानों के लिए
जिनके हल के फाल तोड़ रहे सन्नाटा
कठोर चट्टानों के
फड़फड़ाते पन्नों पर
दर्ज कर रहे बीजों के एक एक अक्षर
ओर पृथ्वी को रंग देना चाहते हैं
हरियाई फसलों से

एक कविता और लिखना चाहता हूं
सरहद पर जूझते जवानों के लिए
जिनका होना
हमारे देश का सुरक्षित होना है

पर जो बच्चे
अभी स्कूलों से लौटे नहीं हैं
जिन किसानों का कलेवा
उनके हलक के नीचे उतरा नहीं है
घर वापसी के लाख वादों के बावजूद
जो जवान अब कभी लौट नहीं सकते
उन पर कविताएं न लिख पाने के लिए
क्षमा चाहता हूं देशवासियों।



 संपर्क  - आरसी चौहान (जिला समन्वयक - सामु0 सहभागिता )
        जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आजमगढ़, उत्तर प्रदेश 276001
        मोबाइल -7054183354
        ईमेल- puravaipatrika@gmail.com

रविवार, 29 अक्टूबर 2017

हमारा परिवार एक घड़ी हो गया है : आरसी चौहान


  

हमारा परिवार एक घड़ी हो गया है

मां घंटे की छोटी सुई है घड़ी की
करते हुए काम बढ़ती है धीरे धीरे
पिता मिनट की
जो घंटे और सेकेंड के बीच
बिठाते हुए तारतम्य
बढते हैं मध्यम मध्यम
और बेटा सेकेंड की सुई की तरह
अकुताया
हांक रहा है दोनों को
करते हुए टिक टिक
जैसे हमारा परिवार एक घड़ी हो गया है।
  संपर्क  - आरसी चौहान (जिला समन्वयक - सामु0 सहभागिता )
        जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आजमगढ़, उत्तर प्रदेश 276001
        मोबाइल -7054183354
        ईमेल- puravaipatrika@gmail.com

शनिवार, 30 सितंबर 2017

त्रासदी : आरसी चौहान




त्रासदी

भरे पूरे घर में
बेटे द्वारा अतिथि को
सभी से परिचय करवाना
और हारबेरियम की फाइल में
सूखे पत्तियों सा चिपके
कोने में पड़े मां बाप का परिचय
अतिथि से न करवाना
बहुत देर तक
कचोटता रहा मां बाप को
वैसे यह हमारे समय की
सबसे बड़ी त्रासदी तो नहीं
बनने जा रही।


संपर्क  - आरसी चौहान (जिला समन्वयक - सामु0 सहभागिता )
        जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आजमगढ़, उत्तर प्रदेश 276001
        मोबाइल -7054183354
        ईमेल- puravaipatrika@gmail.com

रविवार, 27 अगस्त 2017

जो कभी हुआ ही नहीं : आरसी चौहान






एक सपना
जिसे देखा ही नहीं कभी मैंने
अधजगी आंखों से
सुनहली रातों में
डरता रहा बहुत दिनों तक
उसके नुकीले नाखूनों से

एक अंधड़ तूफान
जिसमें उड़ता रहा
जिंदगी भर धुल धक्क्ड़ की माफिक
जो हकीकत में कभी आया ही नहीं

एक फूल
हमेशा करता रहा परेशान
अपनी ताजगी और महक से
जो खिला ही नहीं मेरे जीवन में
कभी संजीदगी से

एक नदी
जो मेरे भीतर
बलखाती हुई कभी बही नहीं
आज आमदा है तोड़ने को
सारे सब्रो का तटबंध

और अब एक प्रेम
जो कभी हुआ ही नहीं किसी से
आज बांध की तरह खड़ा है
डूब कर बह जाने तक
मेरे साथ-साथ।


संपर्क-   आरसी चौहान (प्रवक्ता-भूगोल)
             राजकीय इण्टर कालेज गौमुख, टिहरी गढ़वाल उत्तराखण्ड 249121
             मेाबा0-8858229760ईमेल-puravaipatrika@gmail.com